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अपराधियों के काल थे शामली एनकाउंटर में शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार, अनिल दुजाना-सोनू मटका जैसे बदमाशों का किया एनकाउंटर

शामली एनकाउंटर में शहीद हुए यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील सिंह की मौत के बाद मेरठ के मसूरी गांव में मातम पसरा हुआ है. सुनील कुमार सिंह की मौत की खबर मिलते ही उनके घर पर सगे संबंधियों का तांता लगा हुआ है. उनके परिजन बताते हैं कि सुनील कुमार एक जांबाज अफसर रहे हैं अपनी सर्विस के दौरान उन्होंने कई बड़े दुर्दांत अपराधियों का सफाया किया.

परिजनों ने बताया कि चंबल का कुख्यात ठोकिया गैंग और उम्र केवट गैंग की दहशत खत्म करने में शहीद इंस्पेक्टर सुनील सिंह का बड़ा योगदान था. पिछले साल खतरनाक अपराधी अनिल दुजाना मुठभेड़ में भी सुनील शामिल थे. शामली में जिस बड़े गैंग के साथ एसटीएफ का सामना हुआ, वह भी एक खतरनाक गैंग था.

STF की कग्गा गैंग से मुठभेड़

कग्गा गैंग पश्चिम उत्तर प्रदेश का एक खतरनाक गैंग माना जाता है. इसी गैंग के साथ मुठभेड़ में लाखों रुपये के इनामी बदमाश अरशद के साथ चार खतरनाक बदमाशों को मार गिराया. इस मुठभेड़ में सुनील कुमार सिंह के पेट में गोली लग गई थी, जिससे वह घायल हो गए थे.

बताया जा रहा है की सुनील कुमार सिंह के पेट में तीन गोलियां लगी थी. इसके बाद उनको गुरुग्राम के वेदांता अस्पताल ले जाया गया. जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. शहीद इंस्पेक्टर सुनील सिंह को उनकी सर्विस के दौरान कई बहादुरी भरे कारनामों के लिए मैडल भी मिला.

कई अंग हो गए थे डैमेज

यूपी एसटीएफ के इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए. सोमवार (20 जनवरी) की रात सुनील कुमार और उनकी टीम ने शामली के कग्गा गैंग के चार बदमाशों का एनकाउंटर किया था. मुठभेड़ में इंस्पेक्टर के पेट में तीन गोली लगी थी. सुनील कुमार को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में ले जाया गया है.

मेदांता अस्पताल में इंस्पेक्टर सुनील कुमार की सर्जरी की गई. डॉक्टरों ने कहा गोली से लीवर गाल, पेट में खून की बड़ी नस आईवीसी और लिवर डैमेज हो गया था. डॉक्टरों के मुताबिक, उनका ब्लड प्रेशर भी ऊपर नीचे हो रहा था. इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने करीब 36 घंटे तक जिंदगी मौत से लड़ने के बाद संसार को अलविदा कहा. उनका रिटायरमेंट 2030 में था.

बहादुरी से जीते कई मैडल

शहीद इंस्पेक्टर सुनील सिंह मेरठ जिले के इकली के मसूरी गांव के रहने वाले थे. उनके पिता चरण सिंह और माता का पहले ही निधन हो चुका है. बड़े भाई अनिल काकरान गांव में खेती करते हैं. परिवार में पत्नी मुनेश, बेटा मनजीत उर्फ मोनू और बेटी नेहा हैं. दोनों बच्चों की शादी हो चुकी है.

सुनील सिंह 1 सितंबर 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे. स्पेशल टॉक्स फॉर का गठन होने के बाद उन्होंने 1997 में मानेसर हरियाणा में कमांडो कोर्स की ट्रेनिंग ली. 1 जनवरी 2009 को सुनील कुमार ने एसटीएफ ज्वाइन किया. 16 साल से वह एसटीएफ में तैनात थे.

सुनील कुमार 7 अगस्त 2002 को हेड कांस्टेबल के पद पर प्रमोट हुए. इसके बाद 13 मार्च 2008 को फतेहपुर में हुई पुलिस मुठभेड़ में ओम प्रकाश उर्फ अमर केवट को मार गिराया था. इस मुठभेड़ में सुनील सिंह ने अपनी जान की बाजी लगा दी थी. इसके लिए उन्हें 16 सितंबर 2011 को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कांस्टेबल से PAC में प्लाटून कमांडर बना दिया गया था. 22 अप्रैल 2020 को दलनायक के पद पर प्रमोट हुए थे.

कई बड़े एनकाउंटर में रहे शामिल

साल 2008 में 5 लाख के इनामी बदमाश अंबिका पटेल उर्फ ठोकिया और 50 हजार रुपये के इनामी उमर केवट को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था.

साल 2012-13 में मेरठ यूनिट में रहते हुए एक- एक लाख रुपये के इनामी बदमाश सुशील उर्फ मूंछ बदन सिंह उर्फ बद्दू और भूपेंद्र बाबर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

इसी तरह 24 जून 2019 को सवा लाख रुपये के इनामी अपराधी आदेश बालियान निवासी भोला कल को मुठभेड़ में मार गिराया था.

साल 2023 को मेरठ के थाना जानी क्षेत्र में एसटीएफ टीम के साथ हुई मुठभेड़ में गैंगस्टर अनिल नगर उर्फ अनिल दुजाना को मार गिराया था.

बीते साल 14 दिसंबर 2024 को एसटीएफ और स्पेशल सेल दिल्ली की संयुक्त टीम ने मेरठ के टीपी नगर थाना क्षेत्र में हासिम बाबा गैंग के शूटर 50 हजार के इनामी बदमाश अनिल उर्फ सोनू उर्फ मटका को मार गिराया था. इस मुठभेड़ में भी सुनील कुमार का खास योगदान रहा.

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