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फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक की तीन वर्षीय बच्चे की दुर्लभ सर्जरी

-आईलिड रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की समय पर सर्जरी से बच्चे को मिली जिंदगी की नई किरण
-टीचर कॉलिन्स सिंड्रोम, ऊपरी पलक की कोलोबोमा, आंखों के ढक्कन और श्लेष्म झिल्ली की कमी से जूझ रहा था बच्चा

नोएडाः सेक्टर-137 फेलिक्स अस्पताल में एक बेहद जटिल और दुर्लभ सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। ऐसा अस्पताल में मल्टीस्पेशिस्ट सुविधाओं के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों के होने से संभव हो पाया है।
तीन वर्षीय प्रियांशु, जो सोनकपुर रामपुर का रहने वाला है। गंभीर चेहरे और आंखों की विकृतियों के कारण 13 जनवरी को फेलिक्क्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपांजली आर्या और उनकी टीम ने बच्चे की दाईं आंख की आईलिड रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की। डॉक्टर के मुताबिक प्रियांशु को कई गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा था। इनमें टीचर कॉलिन्स सिंड्रोम, ऊपरी पलक की कोलोबोमा, आंखों के ढक्कन और श्लेष्म झिल्ली की कमी, चेहरे की हाइपोप्लासिया, कटे तालू की समस्या, दाहिनी क्रेनियो-फेशियल डिसऑस्टोसिस और कान की विकृति शामिल थीं। ये समस्याएं बच्चे के चेहरे और आंखों की संरचना पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही थीं, जिससे उसे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा था। परिजन के अनुसार बच्चे को पहले दिल्ली के एम्स और अन्य अस्पतालों में दिखाया गया था, लेकिन लंबे वेटिंग पीरियड और जटिल मामलों की वजह से इलाज संभव नहीं हो पाया। आखिरकार परिवार ने फेलिक्स अस्पताल का रुख किया। यहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने बच्चे की हालत का गहराई से अध्ययन किया।

सर्जरी से पहले ईएनटी, पीडियाट्रिशियन, कार्डियोलॉजिस्ट, पीडियाट्रिक सर्जन और प्लास्टिक सर्जन ने बच्चे की पूरी जांच की। ईको, सीटी स्कैन और अन्य रेडियोलॉजिकल टेस्ट के बाद सर्जरी की तैयारी शुरू हुई। डॉ. दीपांजली आर्या और उनकी टीम ने सर्जरी को अंजाम दिया, जिसमें फ्लैप, एम्नियोटिक मेम्ब्रेन ग्राफ्ट, फोर्निक्स और कंथल का सफलतापूर्वक उपचार किया गया। यह सर्जरी एनेस्थीसियालॉजिस्ट डॉ. विवेक पुष्प के देखरेख में हाई-रिस्क एनेस्थीसिया पर हुई। इसे पूरा होने में साढ़े तीन घंटे लगे। सर्जरी के बाद प्रियांशु को विशेष निगरानी में रखा गया। सभी आवश्यक रक्त और रेडियोलॉजिकल जांच की गई, जिनकी रिपोर्ट सामान्य आई। बच्चे की स्थिति में तेजी से सुधार हुआ और 22 जनवरी को उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। डॉक्टर ने बताया यह सर्जरी अत्यधिक जटिल थी, लेकिन फेलिक्स अस्पताल की टीम ने पूरी लगन और विशेषज्ञता के साथ इसे अंजाम दिया। प्रियांशु की स्थिति अब स्थिर है और वह तेजी से ठीक हो रहा है।

प्रियांशु के परिजन का कहना है कि वह फेलिक्स अस्पताल और डॉक्टरों की टीम के हमेशा आभारी रहेंगे। उन्होंने दिल्ली के कई अन्य अस्पतालों में इलाज के लिए प्रयास किया, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला। यहां हमें उम्मीद की एक किरण मिली। सर्जरी के बाद अब हमारा बेटा पहले से बेहतर महसूस कर रहा है। फेलिक्स अस्पताल नोएडा में स्थित एक मल्टी-स्पेशलिस्ट अस्पताल है, जो अपने विशेषज्ञ डॉक्टरों और अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए जाना जाता है। यह अस्पताल जटिल सर्जरी और गंभीर मामलों के इलाज में माहिर है डॉक्टर ने बताया कि इस तरह की सर्जरी केवल विशेषज्ञ अस्पताल में ही संभव है, जहां हर विभाग का सहयोग मिलता है। यह हमारी टीम की सफलता और परिवार के धैर्य का परिणाम है। ऐसे मामलों में शुरुआती पहचान और सही इलाज बेहद जरूरी है। टीचर कॉलिन्स सिंड्रोम जैसे दुर्लभ विकारों का इलाज करना चुनौतीपूर्ण होता है, लेकिन यदि सही समय पर उचित कदम उठाए जाएं तो यह संभव है। सर्जरी ने यह साबित किया कि सही समय पर सही इलाज और विशेषज्ञों की टीम किसी भी जटिल स्थिति का समाधान कर सकती है। इस सफल सर्जरी ने न केवल बच्चे के जीवन को नई दिशा दी, बल्कि चिकित्सा जगत में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि भी जोड़ी।

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