ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण

ग्रेटर नोएडा : ग्रीन बेल्ट में अतिक्रमण के खिलाफ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सख्ती, जैतपुर-वैशपुर में अवैध निर्माण ध्वस्त

ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पर्यावरण संरक्षण और शहर की हरियाली को बचाए रखने के लिए ग्रीन बेल्ट में हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ सख्त अभियान शुरू कर दिया है। शनिवार को प्राधिकरण के उद्यान विभाग ने जैतपुर-वैशपुर क्षेत्र की ग्रीन बेल्ट में अवैध रूप से किए गए निर्माण को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्री एन.जी. रवि कुमार के निर्देश पर की गई, जिनके आदेश पर ओएसडी (Officer on Special Duty) गुंजा सिंह के नेतृत्व में यह विशेष अभियान प्रारंभ किया गया है।

 

उद्यान विभाग की टीम ने निरीक्षण के दौरान देखा कि जैतपुर-वैशपुर ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में कुछ लोगों ने गैर-कानूनी तरीके से निर्माण कार्य कर लिया है। इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए पूरी टीम मौके पर पहुंची और अवैध निर्माण को तोड़ दिया गया। साथ ही अतिक्रमणकारियों को स्पष्ट चेतावनी दी गई कि भविष्य में दोबारा निर्माण किया गया तो सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

 

प्राधिकरण की ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि ग्रीन बेल्ट शहर की हरियाली, स्वच्छता और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए आरक्षित क्षेत्र हैं। ऐसे इलाकों में किसी भी तरह के निजी निर्माण या अतिक्रमण को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीईओ एन.जी. रवि कुमार ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि ग्रीन बेल्ट की नियमित निगरानी की जाए और यदि कहीं भी अवैध निर्माण होता दिखाई दे, तो तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की जाए।

 

ओएसडी गुंजा सिंह ने भी अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त हिदायत दी है कि यदि किसी भी ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में नया निर्माण होता पाया गया, तो संबंधित उद्यान विभाग के अधिकारी और कर्मचारी जिम्मेदार माने जाएंगे और उनके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

प्राधिकरण की इस कार्रवाई से अवैध निर्माण करने वालों में हड़कंप मच गया है। वहीं स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण प्रेमियों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि ग्रीन बेल्ट का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है, जिससे शहर में स्वच्छता, ताजगी और हरियाली बनी रहे। प्राधिकरण द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य शहर के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा देना, हरित क्षेत्रों की रक्षा करना और भविष्य के लिए पर्यावरणीय संतुलन सुनिश्चित करना है। आने वाले दिनों में यह अभियान और अधिक सख्ती के साथ अन्य क्षेत्रों में भी चलाया जाएगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की यह पहल साफ तौर पर दर्शाती है कि शहर को सुव्यवस्थित, स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

 

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