मत्स्य पालन से आत्मनिर्भर बनीं पियूशिखा यादव, डबल इंजन सरकार की योजना से मिली नई उड़ान

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के ग्राम नगला हिम्मत की रहने वाली पियूशिखा यादव ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की मिसाल पेश की है। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत उन्हें सरकार से आर्थिक और तकनीकी सहयोग मिला, जिससे उन्होंने कोविड-19 जैसे कठिन समय को भी अवसर में बदल दिया।
साल 2021-22 में पियूशिखा ने 1.909 हेक्टेयर भूमि पर तालाब बनवाया, जिस पर कुल 20.99 लाख रुपये का खर्च आया। इसमें से 12.59 लाख रुपये की अनुदान राशि डबल इंजन सरकार (मोदी-योगी सरकार) के सहयोग से प्राप्त हुई। इसके बाद उन्होंने वैज्ञानिक तरीकों से मत्स्य पालन शुरू किया, जिसमें मेजर कार्प, पंगेसियस और सॉल मछलियों का उत्पादन कर रहीं हैं। वे सालाना 25 से 30 लाख रुपये की आय कर रही हैं, पियूशिखा अब 20 लाख मत्स्य बीजों की बिक्री कर मत्स्य पालकों को बीज आपूर्ति भी कर रही हैं। उन्होंने बायोफ्लॉक तकनीक सहित कई आधुनिक नवाचारों को अपनाया है, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ी हैं।
सरकार के प्रशिक्षण, वित्तीय मदद और मार्गदर्शन से प्रेरित होकर अब वे अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी मत्स्य पालन से जोड़ने में जुटी हैं। उनका लक्ष्य है कि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं स्वरोजगार के इस मॉडल से जुड़ें और आत्मनिर्भर बनें। पियूशिखा यादव की सफलता न केवल एक महिला उद्यमी की कहानी है, बल्कि यह डबल इंजन सरकार की उन योजनाओं का प्रमाण भी है, जो गांव-गांव तक पहुंचकर लोगों के जीवन में बदलाव ला रही हैं।