20 साल के संघर्ष के बाद किसानों की जीत, 10% प्लॉट की मांग पर प्राधिकरण ने दी 1 माह की मोहलत, 19 महीने बाद धरना स्थगित

गौतमबुद्धनगर। लंबे संघर्ष और 19 महीने के अनिश्चितकालीन धरने के बाद आखिरकार भारतीय किसान यूनियन (बलराज) के नेतृत्व में किसानों ने नोएडा प्राधिकरण से अपनी मांगों पर बड़ी राहत हासिल की है। शहदरा गांव के किसान हातम सिंह भाटी की पैतृक जमीन पर बनी दुकानों को 15 फरवरी 2024 को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के यथावत स्टे आदेश के बावजूद, प्राधिकरण द्वारा ध्वस्त कर दिया गया था। इसी घटना के विरोध में भारतीय किसान यूनियन (बलराज) ने तत्काल धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया था, जो अब तक लगातार जारी था।
यह संघर्ष केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि समूचे किसान समाज के अधिकारों की लड़ाई बन गई थी। संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलराज भाटी के नेतृत्व में इस धरने में अनेक महापंचायतों का आयोजन हुआ, जिसमें प्रशासन से बार-बार समाधान की मांग की गई। संगठन ने धैर्य रखा और 20 वर्षों की कानूनी व सामाजिक लड़ाई के बाद किसानों के हक की आवाज बुलंद की।
बलराज भाटी ने बताया कि किसानों को 64.7% अतिरिक्त मुआवज़ा तो पूर्व में मिल चुका था, लेकिन एंक्रोचमेंट के आरोप में 10% अतिरिक्त भूखंड का निस्तारण रुका हुआ था। संगठन इसी मांग को लेकर पिछले 19 महीनों से धरने पर बैठा था। क्षुब्ध होकर संगठन ने 30 जुलाई को एक विशाल महापंचायत बुलाने की घोषणा की, जिसमें विभिन्न राज्यों से लगभग दस हजार किसानों के पहुँचने की उम्मीद थी। इससे प्रशासन में हड़कंप मच गया।
मंगलवार को प्रशासन की मध्यस्थता से प्राधिकरण के एसीईओ संजय खत्री, ओएसडी क्रान्ति शेखर, ओएसडी अरविंद कुमार, एसडीएम सीमा सिंह व किसानों के प्रतिनिधियों के बीच दो घंटे की बैठक हुई। बलराज भाटी ने इस बैठक में किसानों की मांगों को बिंदुवार मजबूती से रखा। वार्ता के बाद एसीईओ ने आबादी क्षेत्र के नियमितीकरण व 10% भूखंड पर निर्णय के लिए एक माह की समय सीमा तय की। इसी आश्वासन के आधार पर एसडीएम सीमा सिंह और थाना सैक्टर-142 के प्रभारी विनोद कुमार सिंह की उपस्थिति में सम्मानपूर्वक धरना स्थगित कर दिया गया।
बलराज भाटी ने कहा, “यह जीत केवल हातम सिंह भाटी की नहीं, बल्कि उन सभी किसानों की है, जो अपने अधिकारों की लड़ाई लड़ते रहे हैं। 19 महीने का संघर्ष, तप, धैर्य और एकता आज रंग लाई है।”
इस मौके पर राष्ट्रीय महिला मोर्चा अध्यक्ष रेखा सिवाल, गीता भाटी, मितलेश भाटी, यूथ प्रदेश अध्यक्ष विपिन खारी, महासचिव दिलदार अंसारी, उपाध्यक्ष राहुल भाटी, फरमान मसूरी, मेरठ मंडल अध्यक्ष जतन भाटी, इरशाद खान, कृष्णा, जिलाध्यक्ष योगेश वैष्णव, हेमन्त पंडित, फहीम मंसूरी, प्रदेश सचिव प्रवीण चौहान, प्रवीण शर्मा समेत सैकड़ों किसान मौजूद रहे।
यह आंदोलन किसानों की एकजुटता और संकल्प का प्रतीक बन गया है, और एक बार फिर यह सिद्ध हुआ कि संगठित प्रयासों से ही न्याय की राह आसान होती है।